एक महिला तांत्रिक के कहने पर पंचों के सामने मानवता को शर्मसार करने वाला वहशियाना कृत्य किया गया।
सतयुग में सीताजी को खुद को पवित्र साबित करने के लिए अग्निपरीक्षा देनी पड़ी थी। कलियुग में 18 अक्टूबर को शिवानी नाम की महिला को मांट क्षेत्र के गांव जावरा के मजरा नगला बरी में हाथ में अंगारे रख अग्निपरीक्षा देनी पड़ी। एक तांत्रिक महिला के कहने पर पंचों के सामने मानवता को शर्मसार करने वाला वहशियाना कृत्य किया गया।
इस मामले में पति समेत छह लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है।हाथरस जिले के थाना सादाबाद क्षेत्र के गांव नगला फत्ते निवासी किशन ¨सह ने डेढ़ साल पहले पुत्रियों पुष्पा और शिवानी की शादी नगला बरी निवासी सगे भाइयों यशवीर व जयवीर से की थी। कुछ दिन बाद ही जयवीर सिंह पत्नी शिवानी पर लांछन लगाते हुए मारपीट करने लगा। 18 अक्टूबर को शिवानी को गांव के ही एक रिश्तेदार के घर बुलाई पंचायत में पेश किया गया। इसमें कुछ ग्रामीणों के साथ एक महिला भी शामिल थी।
वह खुद को तांत्रिक होने का दावा करती है। मामला पंचों के सामने रखा गया। तांत्रिक महिला ने पंचायत में फरमान सुनाया कि दोनों में विवाद की हकीकत का पता लगाने के लिए उनकी हथेली पर जलती आग रखी जाए। जिसका हाथ जल जाएगा, वही दोषी होगा। पंचों ने भी समर्थन किया। पहले अंगार जयवीर ¨सह के हाथ पर रखा। उसने अंगार को दोनों हाथों में उलट-पुलट कर जमीन पर फेंक दिया। वह मामूली रूप से झुलसा। इसके बाद अंगार शिवानी के हाथ पर रखा। उसके हाथ बुरी तरह से झुलस गए।
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